अक्षय तृतीया पर ज्वेलरी मार्केट में आयी खनक

इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। बासुकीनाथ के पुरोहित कुंदन झा कहते हैं कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ है। तृतीया तिथि का प्रवेश 29 अप्रैल की रात 8:12 बजे से होगा और 30 अप्रैल को संध्या 6:00 बजे तक तृतीया तिथि प्रभावी रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर एक दुर्लभ राजयोग का निर्माण हो रहा है जो लगभग 100 वर्षों बाद बन रहा है। अक्षय तृतीया को गजकेशरी राजयोग, राजयोग, रवि योग, चतुग्रही योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि एवं शोभन योग और लक्ष्मी नारायण राजयोग बन रहे हैं।
यह दुर्लभ संयोग आकस्मिक धन लाभ और तरक्की के योग बना रहे हैं।कहा अक्षय तृतीय पर मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है।
कुंदन झा कहते हैं कि अक्षय तृतीया पर सोना, चांदी के आभूषण, पीतल-कांसे के बर्तन, नया वाहन, भूमि खरीदना इस दिन शुभ माना गया है। कहा कि इस दिन सोना व अन्य महंगी वस्तुएं खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि महंगी वस्तुएं खरीदना संभव न हो तो मिट्टी के बर्तन जैसे मिट्टी के कुल्हड़, दीपक या अन्य बर्तन खरीदना भी शुभ फलदायक माना गया है।
उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया को नए कार्यों की शुरूआत, निवेश, विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि माना जाता है। इस दिन किए गए शुभ कार्य अक्षय फल प्रदान करते हैं।

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