स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मंगलवार को रांची के एक होटल में आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लिया। यह कार्यशाला आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आयोजित की गई थी। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है और रिम्स की व्यवस्था को भी लगातार बेहतर किया जा रहा है। उन्होंने एआई तकनीक के माध्यम से इलाज की दिशा में भी काम करने की बात कही।
डॉ. अंसारी ने निजी अस्पतालों से अपील की कि वे मरीजों के इलाज में लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि जब तक योजना के तहत भुगतान होता है, अस्पताल इलाज करते हैं, लेकिन बाद में मरीजों को रेफर कर दिया जाता है, जिससे गंभीर स्थिति में मौतें होती हैं। यह अमानवीय है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि कोई परेशानी हो तो अस्पताल प्रबंधन सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग 31,000 बेड हैं, जबकि आवश्यकता 1.13 लाख बेड की है। उन्होंने निजी और सरकारी अस्पतालों से समन्वय बनाकर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की अपील की।
झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक अबु इमरान ने निजी अस्पतालों से सरकारी गाइडलाइनों का सौ प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छोटे अस्पतालों में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है, जिसके कारण वे गाइडलाइनों को सही तरीके से नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना और वय वंदन योजना में भी पंजीकरण की जरूरत पर बल दिया।
कार्यशाला में अस्पताल प्रबंधन को योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं, शिकायत निवारण और कैपेसिटी अपडेट जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर सभी जिलों के सिविल सर्जन, शहरी क्षेत्र के 50 बेड से कम और ग्रामीण क्षेत्र के 30 बेड से कम के अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।