ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे निरीक्षण रिपोर्ट
राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य समेत तमाम गतिविधियों की निगरानी सख्त होने जा रही है। शिक्षा विभाग के निदेर्शानुसार हर दिन सुबह साढ़े छह बजे से अफसर विद्यालयों के निरीक्षण करने जाएंगे। ये निरीक्षी अधिकारी हर दिन की रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव को देंगे।
निरीक्षण में शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति, पहली कक्षा में नामांकन, विद्यालय परिसर की साफ-सफाई और मध्याह्न भोजन पर खास नजर होगी।निरीक्षण अभियान में प्रत्येक प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारी जाएंगे। इनमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी होंगे।
ये सभी अधिकारी सुबह साढ़े छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे दिन तक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण रिपोर्ट तय फार्मेट में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
निरीक्षण करने वाले अधिकारी 11 बजे के बाद अपने-अपने कार्यालय के कार्यों का निष्पादन करेंगे। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के प्रभारी पदाधिकारी प्रतिदिन अपराह्न में निरीक्षण करने वाली पदाधिकारी से विद्यालय निरीक्षण की अद्यतन सूचना दूरभाष से प्राप्त कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे।
बक्सर जिले के 282 शिक्षकों ने मार्च के महीने में ई शिक्षा कोष पर एक भी दिन आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अमरेंद्र पांडेय ने इन शिक्षकों को विभागीय आदेशों की अवहेलना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
डीईओ ने कहा है कि शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर अपने कार्यों का संतोषजनक जवाब देना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अनुसार, ई शिक्षा कोष पोर्टल शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करने और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी। इस पोर्टल के माध्यम से, शिक्षकों को प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है, लेकिन जिले के 282 शिक्षकों ने मार्च के महीने में इस नियम का पालन नहीं किया।
इससे विभाग को यह कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आॅनलाइन उपस्थिति प्रणाली शिक्षकों की पारदर्शिता और समयबद्धता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
यह प्रणाली शिक्षकों को समय पर स्कूल आने और जाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे छात्रों की शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस घटना ने जिले में शिक्षा प्रणाली की निगरानी और जवाबदेही के महत्व को उजागर किया है। डीईओ ने इसे विभागीय निर्देश की अवहेलना और स्वेच्छाचारिता का परिचायक बताया है।
उन्होंने शिक्षकों को कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। डीईओ ने कहा है कि भविष्य में भी इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।