बिहार की एमडीएम (मिड-डे मील) रसोइया बहनों ने सरकार के खिलाफ एक बार फिर अपना आक्रोश जताते हुए पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में रसोइया बहनों और भाइयों ने अपने मानदेय में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया। प्रदर्शनकारी बिहार विधानसभा तक मार्च निकालने पर अड़े हुए थे, लेकिन पुलिस ने गर्दनीबाग धरना स्थल का मुख्य द्वार बंद कर दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
रसोइया बहनों का कहना है कि वे प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बिहार के सरकारी स्कूलों में काम करती हैं, लेकिन सरकार उनके साथ उपेक्षा और भेदभाव कर रही है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि करीब ढाई लाख एमडीएम रसोइया न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं, जबकि वे विद्यालय खुलने से लेकर बंद होने तक पूरी ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रही हैं।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में उनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इस साल के केंद्रीय बजट में भी रसोइयों के वेतन में इजाफे को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। इसके अलावा बिहार की डबल इंजन सरकार ने भी 2020 के बाद से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की है।
रसोइया बहनों ने आरोप लगाया कि हरियाणा, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और झारखंड जैसे राज्यों ने अपने रसोइयों के वेतन में बढ़ोतरी की है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया है। लेकिन बिहार में अब तक न वेतन बढ़ा और न ही किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा दी गई।
उन्होंने बताया कि 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद रसोइया बहनों को बिना किसी पेंशन या रिटायरमेंट पैकेज के नौकरी से निकाल दिया जाता है। यहां तक कि उन्हें भविष्य निधि, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा, मातृत्व अवकाश और विशेष अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जातीं।
रसोइया बहनों का कहना है कि सरकार रोज नए-नए फरमान जारी कर उनके काम का बोझ बढ़ाती जा रही है। इसके बावजूद उनके अधिकारों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। यही कारण है कि वे धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर हुईं और बिहार विधानसभा तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए मार्च निकालने की मांग कर रही हैं।
गर्दनीबाग धरना स्थल पर हालात तब तनावपूर्ण हो गए, जब पुलिस ने विधानसभा की ओर बढ़ने से रोकने के लिए मेन गेट बंद कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और पानी की बोतलें फेंकने लगे। मौके पर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुटे रहे, लेकिन रसोइया बहनें अपनी मांगों पर अड़ी रहीं और विधानसभा तक जाने की जिद करती रहीं।रसोइया बहनों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं मानती, तो वे आगे और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मानदेय में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की गारंटी नहीं दी गई, तो वे प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगी। फिलहाल प्रशासन स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारी अपने आंदोलन को और तेज करने की तैयारी में हैं।