बिहार सरकार सभी किसानों को डेडीकेटेड फीडर से कृषि कार्य के लिए बिजली मुहैया करा रही है। अब किसानों को मिलने वाली यह बिजली सौर ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा से प्रदान की जाएगी। इस योजना के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से फीडरों को ऊर्जान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही इस सूर्य ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा बताते हुए इसे विकसित करने के लिए विस्तृत प्रयास करने के निर्देश दे चुके हैं। वे इसे असली ऊर्जा बताते हुए 2019 में शुरू किए गए जल जीवन हरियाली योजना के 11 कार्य योजना में इसे शामिल कर चुके हैं। इसके मद्देनजर ऊर्जा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। वर्तमान में किसानों को डीडीकेडेट फीडरों से मिलने वाली सभी बिजली थर्मल ऊर्जा प्लांट से मुहैया कराई जाती है। यह बिजली काफी महंगी पड़ती है। इसका विकल्प राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा के माध्यम से तलाश कर रही है। सरकार ने कृषि फीडरों के सोलराइजेशन यानी सूर्य से ऊर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया है। ताकि दिन में ही किसानों को सूर्य ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा कर दिन में ही इसे उपलब्ध करा दिया जाए। इससे किसानों को रात में सिंचाई के लिए अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़े। तृतीय चरण की इस योजना के लिए निविदा प्रकाशित कर दी गई है। सूचना एवं जन संपर्क विभाग की तरफ से जल्द ही इसका प्रकाशन सभी समाचार पत्रों में कराया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कहा कि सौर ऊर्जा की मदद से कृषि फीडरों को बिजली मुहैया कराने से किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में काफी मदद मिलेगी। इससे बिजली की दर पर अभी दी जा रही सब्सिडी में थोड़ी कमी आएगी। राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायता होगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि राज्य की भविष्य में बढ़ती हुई ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह सबसे महत्वपूर्ण पहल है। कृषि फीडरों का सोलराइजेशन करने से सुखाड़ जैसी परिस्थितियों से सामना करने में बेहद सहूलियत होगी। दूसरे चरण में 112 कंपनियां निविदा में हिस्सा ले रही हैं। इसमें निवेश से भविष्य में निवेशकों को भी टिकाऊ रिटर्न मिलेगा।
इस वर्ष जून तक राज्य के सभी किसानों को पटवन समेत अन्य कृषि कार्यों के लिए डेडीकेटेड फीडर से बिजली मिलने लगेगी। राज्य में ऐसे तीन हजार फीडरों की आवश्यकता है, जिसमें अभी ढाई हजार तैयार हो गए हैं। जून तक बचे हुए लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा सूबे के दो लाख 85 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके आवेदन आने के बाद उन्हें कृषि कनेक्श अभी नहीं दिया जा सका है। मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर जून 2025 तक बचे हुए सभी किसानों को कृषि कनेक्शन मुहैया करा दिया जाएगा। इस पर बिजली महकमा खास तौर से काम शुरू कर दिया है।