‘विधानसभा लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर’, प्रबोधन-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोले CM हेमंत सोरेन

झारखंड विधानसभा में षष्ठम् झारखंड विधानसभा के सभी सदस्यों के लिए प्रबोधन-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य रूप से शिरकत की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, उपसभापति राज्यसभा हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नव निर्वाचित विधायकों को संसदीय प्रक्रियाओं की जानकारी देना और उन्हें उनके कर्तव्यों और दायित्वों से अवगत कराना था। साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों को सदन में उनके प्रभावी योगदान के लिए प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है, जहां बिना किसी भेदभाव के सभी जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि इस सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रभावी रूप से उठाने की जिम्मेदारी सभी विधायकों की होती है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह सदन किसी एक धर्म, जाति या समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को उठाने का सर्वोच्च मंच है। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इस सदन में आने वाले सभी सदस्य अपने अनुभव से सीखते हैं और जनता की आकांक्षाओं को सदन में रखते हैं। हमारी सरकार दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। हम सबको मिलकर इस राज्य को समृद्ध और विकसित बनाने के लिए कार्य करना होगा। झारखंड विधानसभा द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य नए विधायकों को संसदीय कार्यशैली से अवगत कराना और उन्हें विधायी प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना है। विधानसभा की कार्यवाही में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की अहम भूमिका होती है, ऐसे में विधायकों को यह समझना आवश्यक होता है कि वे किस प्रकार सदन की कार्यवाही में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने विधायकों को बताया कि सवाल कैसे पूछें, बिलों पर चर्चा कैसे करें और सदन में अनुशासन बनाए रखते हुए जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रभावी तरीके से कैसे उठाया जाए। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर, झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव मानिक लाल हेंब्रम और पी. आर. एस. चक्षु राय सहित कई वरिष्ठ नेता और विशेषज्ञ मौजूद रहे। सभी गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम विधायकों को अधिक प्रभावी, जिम्मेदार और जागरूक जनप्रतिनिधि बनाने में मददगार साबित होते हैं।
 
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि झारखंड की लोकतांत्रिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे।

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