बिहार के युवाओं को मिल गई एक और खुशखबरी, नौकरी को लेकर जारी हुआ नया नोटिफिकेशन

नगर विकास एवं आवास विभाग जल्द ही 663 गैर तकनीकी पदों पर बहाली शुरू करेगा। विभागीय मंत्री नितिन नवीन के आदेश पर विभाग ने 663 गैर तकनीकी पदों का सृजन करने का फैसला लिया है।

इसके अंतर्गत कार्यालयों में उच्च वर्गीय लिपिक, लेखापाल, निम्न वर्गीय लिपिक, डाटा इंट्री आपरेटर, कार्यालय परिचारी जैसे पदों पर बहाली की जाएगी।

इन पदों पर कुल 35.27 करोड़ से अधिक की राशि वार्षिक खर्च की जायेगी। इस बहाली के बाद विभाग के अंतर्गत गठित एकीकृत शहरी अभियंत्रण संगठन के 71 कार्यालयों का सुचारू रूप से संचालन किया जा सकेगा।  नवीन ने कहा कि नगर विकास विभाग में राशि की कोई कमी नहीं है। विभाग विकास कार्यों को तेजी से पूरा करें इसके लिए हमलोग मजबूत ढांचा बनाना चाहते हैं, ताकि सुनियोजित तरीके से काम हो सके।

इस ओर आगे बढ़ते हुए विभाग को कार्यालयों में गैर तकनीकी पदों पर बहाली करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा प्रस्ताव दिया गया है, जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजकर इस पर मंजूरी ले ली जाएगी, ताकि अभियंत्रण कार्यालयों का सुचारु रूप से संचालन हो पाए।

दिया गया था यह आदेश

  • मालूम हो कि विभाग के अंतर्गत गठित एकीकृत शहरी अभियंत्रण संगठन में 71 कार्यालयों में अभियंताओं को छोड़कर अन्य किसी कर्मी का पद सृजित नहीं था।
  • इस विषय पर मंत्री के द्वारा संज्ञान लेते हुए कार्यालयों में उच्च वर्गीय लिपिक, लेखापाल, निम्न वर्गीय लिपिक, डाटा इंट्री आपरेटर, चालक, कार्यालय परिचारी आदि का पद सृजित करने का आदेश दिया गया था।

पत्तल निर्माण से पहाड़ी गांव के लोगों को मिलेगा रोजगार

कैमूर पहाड़ी पर बसे जनजातियों की आर्थिक समृद्धि व रोजगार सृजन को लेकर वन विभाग ने पहल की है। इसे लेकर जिले की पहाड़ी पर बसे गावो में इको विकास समिति का गठन किया गया है।

समिति के माध्यम से सखुआ के पत्ते से पत्तल बनाने का कुटीर उद्योग स्थापित किया जाएगा।

प्रगति यात्रा के दौरान गत 19 फरवरी को चेनारी प्रखंड के मल्हीपुर गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष ग्रामीणों द्वारा पत्तल निर्माण कर उसका डेमो भी दिखलाया था।

इसके लिए ग्रामीणों को वन प्रमंडल द्वारा मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। कच्चा माल सखुआ वृक्ष का पता जंगल से उपलब्ध हो जाएगा। सखुआ के पत्ते का पत्तल उत्तम क्वालिटी का होता है।

मशीन संचालन के साथ-साथ मार्केटिंग का दायित्व इको विकास समिति का होगा। वन विभाग बाजार उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा।

एक मशीन से 10 लोगों को मिलेगा रोजगार

एक मशीन पर प्रत्यक्ष रूप से 10 लोग पत्तल बनाने का कार्य कर रोजगार प्राप्त करेंगे और सखुआ का पता लगाकर उद्योग में देने के कार्य में अप्रत्यक्ष रूप से दर्जनों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

मशीन से एक मिनट में 15 से 20 पत्तल का निर्माण किया जा सकेगा। इस रोजगार में पूंजी की भी आवश्यकता नहीं है।

इसके लिए जेम पोर्टल से संविदा निकाली गई है, जिससे मशीन वन विभाग क्रय कर समिति को देगा। वर्तमान समय में पहाड़ी पर बसे गांवों के लोगों की रैयती भूमि पर लगे सखुआ के वृक्ष व्यापक पैमाने पर उपलब्ध हैं। इसके लिए सखुआ वृक्ष वाले गांवों को चिह्नित किया जा रहा है। 

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