आरा। भोजपुर जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के दो फर्जी शिक्षकों के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करते ही एक शिक्षक को शनिवार के दिन गिरफ्तार पर पुलिस ने जेल भेज दिया।
गिरफ्तार शिक्षक कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के सरैया ग्राम निवासी रवि कुमार गुप्ता बताए जाते हैं। यह विगत 13 वर्षों से उत्क्रमित मध्य विद्यालय घांघर में फर्जी ढंग से प्रखंड शिक्षक के रूप में कार्यरत थे।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा इनके कागजातों की जांच में बीएड का अंक पत्र फर्जी पाया गया। अपने फोल्डर में जमा किए कागजातों में इन्होंने उत्तर प्रदेश के जौनपुर कॉलेज का फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया था। अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर अरुण पासवान के द्वारा कागजातों की जांच में फर्जी का मामला सही पाए जाने के बाद इनके खिलाफ कृष्णगढ़ थाने में 20 फरवरी को फर्जीवाड़ा का केस कराया गया था।
इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कृष्णगढ़ थाना प्रभारी पवन कुमार ने शनिवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय घांघर में पढ़ाने जाने के दौरान फर्जी शिक्षक रवि कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दूसरा मामला उदवंतनगर थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डिलीयां से जुड़ा हुआ है। यहां पर नीतिका चौधरी नामक शिक्षिका वर्ष 2015 में प्रखंड शिक्षिका के रूप में तैनात हुई थी।
इन्होंने डिप्लोमा का प्रमाण पत्र मध्य प्रदेश के भोपाल का जमा किया था। निगरानी के द्वारा इन कागजातों की जांच कराए जाने के बाद यह फर्जी निकला।
भोपाल में इस नाम का डिप्लोमा प्रमाण पत्र किसी दूसरी महिला का था। उसका फोटो हटाकर नितिका के द्वारा अपना फोटो अवैध ढंग से लगा दिया गया था।
जांच में मामले का खुलासा होने के बाद उनके खिलाफ उदवंतनगर थाने में फर्जीवाड़ा करने के साथ अज्ञात लोगों के द्वारा इस मामले में षड्यंत्र करने को लेकर प्राथमिकी इंस्पेक्टर अरुण पासवान के द्वारा दर्ज कराई गई है।
नीतिका उत्क्रमित मध्य विद्यालय डीलिया में पढ़ाने के साथ मूल रूप से वह आरा के मौलाबाग स्थित भगत मार्केट की स्थाई निवासी है।
अभी भी निगरानी के द्वारा सैकड़ों फर्जी शिक्षकों के कागजातों की जांच चल रही है। जैसे-जैसे जांच रिपोर्ट आ रही है वैसे-वैसे इन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है।