डाल्फिन संरक्षण-सह-वृहद गंगा स्वच्छता अभियान शुरू

झारखंड निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को साहिबगंज जिले में डाल्फिन संरक्षण-सह-वृहद गंगा स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया गया।
यह विशेष अभियान 15 नवंबर तक चलेगा। मालूम हो कि झारखंड में गंगा नदी सिर्फ राजमहल से साहिबगंज के बीच बहती है। 2025 के हालिया सर्वे के अनुसार राजमहल से साहिबगंज के बीच लगभग 256 डाल्फिन पाई जाती हैं। यह आंकड़ा भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्टों पर आधारित है।अभियान के तहत गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में स्वच्छता, जन-जागरूकता और डाल्फिन संरक्षण से जुड़ी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
पहले दिन बिजली घाट और शकुंतला सहाय घाट पर बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें एनएसएस, एनसीसी, समाजसेवी संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की।
उपायुक्त हेमंत सती ने कहा कि साहिबगंज झारखंड का एकमात्र जिला है जहां उत्तरवाहिनी गंगा बहती है।
गंगा हमारे जीवन, संस्कृति और पर्यावरण का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि झारखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती और बिरसा मुंडा जयंती को खास बनाते हुए 7 से 15 नवंबर तक स्वच्छता एवं जागरूकता पखवाड़ा चलाया जा रहा है।
साहिबगंज में गंगा में गंगेटिक डाल्फिन पाई जाती हैं। गंगा में मिलने वाली यह ताजे पानी की नदी डाल्फिन है। स्थानीय लोग इसे सुसु या शुषुक नाम से जानते हैं। ये लगभग अंधी होती हैं और इकोलोकेशन यानी ध्वनि तरंगों के सहारे दिशा पहचानती हैं।
अधिकारियों ने बताया कि डॉल्फिन पर बढ़ते प्रदूषण, मछली पकड़ने के जाल, रेत खनन, जल यातायात और बांध निर्माण जैसे कारणों से खतरा बढ़ रहा है। इनका संरक्षण गंगा के स्वास्थ्य और जैव विविधता से सीधे जुड़ा है।
कार्यक्रम के तहत मुक्तेश्वर घाट, सरकंडा (राजमहल), सूर्यदेव घाट, सिंधी दलान, श्रीधर (उधवा) समेत कई तटवर्ती क्षेत्रों में सफाई व जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग, एसडीओ अमर जान आइंद, जिला आपूर्ति पदाधिकारी झुनू कुमार मिश्रा, डीपीओ अमित मिश्रा और नगर परिषद के अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!