पहली बार वज्रपात न्यूनीकरणकार्यक्रम की शुरूआत

बिहार में वज्रपात से होने वाली जानमाल की क्षति को कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) इंडिया के सहयोग से ‘वज्रपात न्यूनीकरण कार्यक्रम’ की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम की पहली पहल रोहतास जिले से की गई है।
इस कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए बुधवार को जिला समाहरणालय स्थित डीआरडीए संवाद कक्ष में एक प्रारंभिक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर समाहर्ता ललित भूषण ने की। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष वज्रपात की घटनाओं में हमारे जिले में कई लोगों की जान चली जाती है, जिनमें अधिकतर ग्रामीण और किसान होते हैं। यह कार्यक्रम केवल जन-जागरूकता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एक साझा उत्तरदायित्व के तौर पर कार्य करेगा, जिसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यह पहल संस्थागत समन्वय, तकनीकी सहयोग और यूएनडीपी इंडिया की विशेषज्ञता के साथ लोगों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। एडीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे इसे एक साझा जिम्मेदारी के रूप में लेते हुए समयबद्ध ढंग से जरूरी डाटा और सुझाव उपलब्ध कराएं।
यह कार्यक्रम बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और यूएनडीपी इंडिया के बीच हुए एक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण से जुड़ी गतिविधियों को सुदृढ़ करना और स्थानीय स्तर पर जोखिम मूल्यांकन कर रणनीतियां तैयार करना है।
रोहतास जिला पहला ऐसा जिला है जहां इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। आने वाले समय में इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है। बैठक में नगर आयुक्त, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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