पटना हाईकोर्ट ने पटना रेलवे स्टेशन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में व्याप्त गंदगी, ट्रैफिक जाम, अव्यवस्थित पार्किंग और पुन: अतिक्रमण के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। न्यायाधीश पी. बी. बजंथ्री की खंडपीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई में रेलवे एवं जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र की स्थिति सुधारने हेतु ठोस कार्रवाई करें और 17 जुलाई को अगली सुनवाई के दिन विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
यह मामला अधिवक्ता रौनक सिन्हा द्वारा दायर लोकहित याचिका के माध्यम से उठाया गया है जिसमें बताया गया कि अतिक्रमण हटाए जाने के बावजूद पुन: अतिक्रमण कर लिया जाता है, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल वरीय अधिवक्ता डा. केएन सिंह ने अदालत को अवगत कराया कि इससे पूर्व भी कोर्ट ने दोबारा अतिक्रमण पर थानाध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ा रुख दिखाया था। कोर्ट ने ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे स्टेशन परिसर में पार्किंग, सफाई, सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था को लेकर की जा रही कार्रवाइयों का ब्यौरा अगली तिथि तक कोर्ट में प्रस्तुत करें।
पिछली सुनवाइयों के दौरान प्रशासन द्वारा कुछ रिपोर्ट व फोटो पेश किए गए थे, परंतु हाईकोर्ट ने दोबारा अतिक्रमण को प्रशासनिक विफलता बताया। कोर्ट ने विशेष रूप से ट्रैफिक अव्यवस्था और उचित पार्किंग की कमी से यात्रियों को हो रही असुविधा पर चिंता जताई।
कोर्ट ने कहा कि यात्री समय पर ट्रेन नहीं पकड़ पाते, जिससे उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की गई है।
पिछली सुनवाइयों के दौरान प्रशासन द्वारा कुछ रिपोर्ट व फोटो पेश किए गए थे, परंतु हाईकोर्ट ने दोबारा अतिक्रमण को प्रशासनिक विफलता बताया। कोर्ट ने विशेष रूप से ट्रैफिक अव्यवस्था और उचित पार्किंग की कमी से यात्रियों को हो रही असुविधा पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि यात्री समय पर ट्रेन नहीं पकड़ पाते, जिससे उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की गई है।