झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने जिला स्तर पर विभिन्न कारणों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समाधान समन्वय बना कर करने का दिया निर्देश दिया है। उन्होंने राज्य के तमाम उपायुक्तों को कहा कि वे कैलेंडर बना कर कार्यों का निपटारा करें। कैलेंडर के अनुसार विभिन्न मसलों से जुड़ी बैठकें करें। उसकी रिपोर्ट ससमय विभागों को दें। इससे जहां योजना क्रियान्वयन में गति आएगी वहीं विभागों को भी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि योजनाओं के बाधित होने से उसमें खर्च हुई राशि का लाभ भी राज्य को नहीं मिल पाता है, इसलिए योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए आ रही समस्या के समाधान पर फोकस करें। वह गुरुवार को विभिन्न विभागों की उन योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं, जो जिला स्तर पर इस या उस कारण से बाधित हैं, अथवा लेटलतीफी के शिकार हैं। मुख्य सचिव की समीक्षा में उजागर हुआ कि अधिकांश योजनाओं की प्रगति 70 से 80 प्रतिशत तक हो चुकी है और बाकी बचे काम को पूर्ण करने में रुकावटें आ रही हैं। मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग की रांची शहरी सीवरेज स्कीम, वाटर सप्लाई स्कीम और पम्पिंग स्टेशन के क्रियान्वयन में जमीन को लेकर आ रही समस्या का समयबद्ध तरीके से समाधान का निर्देश दिया। रांची के उपायुक्त ने अधिकांश मामले में समाधान होने की जानकारी दी। उसी तरह रामगढ़, धनबाद, कोडरमा, साहिबगंज, सरायकेला-खारसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू और बोकारो में शहरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर सप्लाई योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जमीन की समस्या सामने आयी। उपायुक्तों को विशेष पहल कर जमीन की उपलब्धता ससमय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से बताया गया कि नल से जल योजना द्वारा प्रत्येक घर को जोड़ने और शौचालय बना गांवों को ओडीएफ घोषित करने की स्थिति लगभग अंतिम चरण में है, लेकिन गांवों में चार-पांच घरों के इस योजना से आच्छादित नहीं होने से योजना अपूर्ण रह जाती हैं। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अतिरिक्त रुचि लेकर इस कार्य को यथाशीघ्र संपन्न कराने को कहा।