कौन बनेगा दिल्ली का नया बॉस?

दिल्ली में भाजपा 26 साल बाद सत्ता में वापसी करने में सफल रही है। चुनाव जीतने के बाद अब सरकार गठन की तैयारी चल रही है। इस वक्त सभी की निगाहें मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हैं। जो दिल्ली की सत्ता को संभालेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री और मंत्री बनने के रेस में शामिल विधायक आलाकमान से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। वहीं दिल्ली में भाजपा की जीत और कौन होगा मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा सांसदों से लेकर नेताओं और मंत्रियों तक से सवाल पूछे जा रहे हैं। वहीं भाजपा को जीत पर अन्य पार्टी नेता भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। दिल्ली में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार को बहुत बधाई। मैं आप सभी को धन्यवाद और बधाई देती हूं। दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। भाजपा नेता तरुण चुघ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम पर कहा कि केजरीवाल और ‘आपदा’ को उनके भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आडंबर की राजनीति के लिए दिल्ली की जनता ने सजा दी। पंजाब भी आपदा से मुक्त होगा। पंजाब आपका का कुनबा है। पूरा पंजाब परजीवियों से हताश और निराश है। दिल्ली के नेता वहां माफियाओं को पनाह दे रहे हैं। भाजपा पंजाब में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभा रही है। भगवंत मान की सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान पर कहा कि दिल्ली की जीत एक बहुत बड़ी जीत है। लोगों ने विकास के लिए मतदान किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में यह बड़ी जीत हुई है। वे एक हो जाएं तो अच्छी बात है लेकिन अभी विपक्ष एक साथ आएगा ऐसा नहीं लगता है। आर और कांग्रेस पार्टी अलग-अलग लड़े। लेकिन अगर वे एक साथ भी लड़ते तो भी जीत हमारी ही होती। क्योंकि हमारा एनडीए मजबूत है।मुख्यमंत्री पद के दावेदार की माने तो नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा है। जीत के जश्न के दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह से पूर्वांचलियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि वे भी पूर्वांचली संसदीय सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा हैं कि कोई पूर्वांचली चेहरा भी मुख्यमंत्री बन सकता है। 

इसमें सांसद व पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी भी शामिल है। इस तरह से पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को भी साध सकती है। उधर रणनीतिकार यह भी मान कर चल रहे कि जाट समुदाय से मुख्यमंत्री बनाकर हरियाणा वालों की नाराजगी कम कर सकती है। इसी तरह से शिरोमणि अकाली दल छोड़ भाजपा में शामिल हुए मनजिंदर सिंह सिरसा पर भी दांव लगा सकती है।

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे है। 2015 में जब भाजपा के दिल्ली विधानसभा में केवल 3 विधायक थे, तो उनमें से एक गुप्ता भी थे। पंजाबी वर्ग से आने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, जनकपुरी से विधायक आशीष सूद को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

मुख्यमंत्री पद के साथ ही वह सभी विधायक मंत्री पद की दौड़ में भी है। इनमें अजय महावर, मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा, ओपी शर्मा प्रमुख है। इनके अलावा शालीमार बाग से जीत दर्ज करने वाली रेखा गुप्ता, जंगपुरा के विधायक तरविंदर सिंह मारवाह, मॉडल टाऊन के विधायक अजय गोयल देवराहा, पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना का नाम भी चर्चा में है। विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भी भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी दौड़ में शामिल हैं।

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