सरकारी और गैर-सरकारी अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की मनमानी से मरीज परेशान?

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बिहार के सरकारी और गैर सरकारी  अस्पताल में  बहाल सुरक्षा गार्ड कि नियत ठीक नहीं भारतीय अस्पताल संघ रंधीर कुमार सिंह (संस्थापक)
राज्य के अंदर सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में बहाल सुरक्षा गार्ड अपनी मर्जी से अपराधियों को अंदर जाने देता है। अपनी सुरक्षा में मनमानी रवैया रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। मर्जी से मरीज  के साथ दुर्व्यवहार करता है । गार्ड दादागिरी दिखाते हैं । आनफन में बेवस लाचार, व्यक्ति, मरीज साथ आते अस्पताल और पीड़ित मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट जैसे घटनाएं करता है वह अपने कार्यों के प्रति उत्तरदाई नहीं होता है वह सिर्फ अपने आप को उस संस्थान का बड़े अधिकारी समझता है आए दिन बिहार राज्य के अंदर बड़े-बड़े निजी अस्पताल में अपराधियों को हथियार के साथ खुलेआम अंदर जाने की साजिश रच देता है। और सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ अभद्र व्यवहार करता है क्या राज्य सरकार को सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में गार्ड को अपनी निगरानी में रखना होगा समय-समय पर उसकी जांच करवाना होगा यदि ऐसा नहीं होता तो डॉक्टर और मरीजों के लिए एक खतरा का संकेत है कुछ दिन पहले की बात है पारस जैसे नामीगामी अस्पतालों में अपराधी खुलेआम हथियार लेकर प्रवेश करता है समझने की बात है क्या उस वक्त पारस अस्पताल के अंदर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे या नहीं थे? यदि थे तो वह क्या कर रहे थे ? यदि नहीं थे तो कहां थे?  सुरक्षा कर्मी की मिली भगत ने मरीज और डॉक्टरों का जीना दुश्वार कर दिया है डॉक्टर परेशान है क्योंकि मरीजों को को गार्ड अपना कमाने के जरिया बना लिया है खासकर सरकारी अस्पताल में सरकारी अस्पतालों की स्थिति ऐसी है कि आप यदि किसी सुरक्षा बहाल गार्ड से बात करेंगे तो आपको कुछ  चंद पैसों देने पर आसानी से वह आपका नंबर लगवा देगा और कुछ चंद पैसों के लेकर आपको अच्छा सुविधा कर देगा यदि वहां पर आप यदि पैसे देने से इनकार करते हैं तो आपके साथ मारपीट जैसी घटनाएं भी कर सकता है इतना ही नहीं राज्य के अंदर सरकारी और सरकारी अस्पताल के गार्ड अपना कमीशन का धंधा चला रखा है वह मरीज को भड़काता है और कहीं दूसरे जगह भेजने पर कुछ रकम की  भी उगाही करता है सरकार को चाहिए कि ऐसे एजेंसियों को अभिलंब रद्द करने की कृपा करें जो एजेंसी निकम्मा गार्ड के बदौलत अस्पताल की सुरक्षा मुहैया कराता है |
प्राइवेट सुरक्षा मनमानी सुधरने का नाम नहीं

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