बिहार विधानसभा आम निर्वाचन, 2025 के निमित्त राजनीतिक विज्ञापन,पेड न्यूज़,भ्रामक न्यूज़ के प्रकाशन एवं प्रसारण तथा पेड न्यूज़ को लेकर विभिन्न प्रावधानों की दी गई जानकारी
जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अंशुल कुमार (भा०प्र०से० ) के निर्देश के आलोक में श्री रामेश्वर राम वरीय पदाधिकारी मीडिया एवं सोशल मीडिया/एमसीएमसी सहअपर समाहर्ता सिंलिंग एवं नोडल पदाधिकारी मीडिया एवं सोशल मीडिया/एमसीएमसी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा संयुक्त से मीडिया प्रतिनिधियों को मंगलवार को महानंदा सभागार पूर्णिया में प्रशिक्षण दी गई। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित करना है कि प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा डिजिटल एवं सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापन का प्रकाशन एवं प्रसारण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश और आदर्श आचार संहिता के अनुरूप हो। यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या तीसरा पक्ष अनाधिकृत या भ्रामक विज्ञापन / का प्रकाशन एवं प्रसारण नहीं करे। टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया साइट्स या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित/प्रसारित किसी भी राजनीतिक विज्ञापन के लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी से पहले अनुमोदन कराना अनिवार्य है। संबंधित अभ्यर्थियों को चुनावी विज्ञापन सामग्री का मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी को दो प्रतियों में में प्रस्तुत करना होगा। मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमिटी 48 घंटे के भीतर निर्णय देगी कि विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश एवं आदर्श आचार संहिता के अनुरूप है या नहीं। इसके बाद अनुमोदन पर निर्णय लिया जाएगा।अनुमोदन प्राप्त विज्ञापन का रिकॉर्ड Annexure-B में रक्षित किया जाता। यदि किसी भी पार्टी या प्रत्याशी द्वारा बिना एमसीएमसी से अनुमोदन के बिना राजनीतिक विज्ञापन का प्रसारण चुनाव आयोग के दिशा निर्देश एवं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। तीसरा पक्ष सोशल मीडिया डिजिटल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी प्रत्याशी या दल के पक्ष या विपक्ष में विज्ञापन देने की अनुमति नहीं होगी। मतदान तिथि से एक दिन पूर्व और मतदान तिथि के दिन बिना MCMC के अनुमोदन के बिना कोई भी राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित नहीं होगा। विज्ञापन की प्रति कम से कम दो दिन पहले MCMC Cell को समर्पित करना अनिवार्य होगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव आचार संहिताअवधि में प्रिंट मीडिया के चुनावी विज्ञापनों पर भी सभी नियम लागू है। संबंधित विज्ञापन के प्रकाशक और उम्मीदवार का नाम एवं पता स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य है। अन्यथा Representation of People Act, 1951 की धारा 127A के तहत बिना प्रत्याशी के अनुमति तथा अन्य व्यक्ति द्वारा प्रकाशित विज्ञापन पर धारा 171(H) के तहत कार्रवाई हो सकती है। पोस्टर, पंपलेट, हैंडबिल आदि पर भी प्रकाशक एवं मुद्रक का नाम और पता देना अनिवार्य है। यदि कोई समाचार या लेख किसी प्रत्याशी या दल के पक्ष में धन राशि/पैसे लेकर प्रकाशित होता है, तो उसे Paid News माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित प्रत्याशी को 96 घंटे के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी करने का प्रावधान है।संबंधित प्रत्याशीयों को 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा। यदि प्रत्याशी द्वारा समय पर उत्तर नहीं दिया गया तो MCMC Cell स्वयं निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। उम्मीदवार को नामांकन के समय Form-26 में अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट का विवरण देना अनिवार्य है। सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन या प्रचार पोस्ट करने से पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी प्रकार के चुनावी प्रचार सामग्री,पोस्ट, वीडियो, ऑडियो, इन्फोग्राफिक आदि पर भीआचार संहिता लागू है। संबंधित उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया प्रचार पर किया गया खर्च उनके चुनावी व्यय लेखे में जोड़ा जाएगा। जिला स्तर पर मीडिया के चुनावी प्रचार की निरंतर निगरानी की जा रही है। Paid News, Fake News, या आचार संहिता उल्लंघन की सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

