
प्रशांत किशोर पाण्डेय का पूरा परिवार 2018 से दिल्ली में सेटल है। उनके परिवार का कोई भी बिहार में नहीं रहता है। प्रशांत किशोर सिर्फ राजनीतिक वजह से बिहार में रहते हैं, एक तरह से प्रशांत किशोर प्रवासी बिहारी है। (migrant Biharis)
प्रशांत किशोर के अनुसार वह बिहार बदलने बिहार आए हैं।
प्रशांत किशोर की पत्नी जाह्नवी दास असम की रहने वाली है,जो पेशे से डॉक्टर है।
लेकिन अभी प्रेक्टिस नहीं करती,उन्होंने प्रशांत किशोर के लिए प्रैक्टिस छोड़ दी,अभी अपने एक बच्चे के साथ एलीट क्लास की जिंदगी जीने के लिए दिल्ली में रहती है।
इसलिए यह सवाल बनता है कि, प्रशांत किशोर अगर मुख्यमंत्री बन जाते हैं,तो बिहार में रहकर सरकार चलाएंगे या दिल्ली से?
क्योंकि उनकी फैमिली पूरी तरह से दिल्ली में सेटल है। यहां तक इनके भाई-बहन भी सब दिल्ली में सेटल है। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए काम कर रहे थे
10 साल तक प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के पर्सनल सेक्रेटरी बन कर रहे हैं, क्या इन सालों में भी नीतीश कुमार के साथ मिलकर ऐसा बिहार तैयार नहीं कर सके जहां वह उनकी फैमिली सुरक्षित रूप से रह सके?
बहुत लोगों को इनके उच्च शिक्षा पर भी शक है,क्योंकि इन्होंने उच्च शिक्षा दूरस्थ (distance education) से किए है।
इन्हें अपनी डिग्री को दिखाना चाहिए, ताकि यह मुद्दा खत्म हो।
क्या बिहार को एक प्रवासी बिहारी पर भरोसा करना चाहिए?