चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में गुजरात से आये दो हाथियों ने रेलवे को एआई बेस्ड एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (ईआईडीएस) का परीक्षण में मदद की है जो की आने वाले समय में हाथियों को ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने से बचाएगा।
इन दो हाथियों का नाम चंपाकली और अनारकली है। चंपाकली और अनारकली नामक दो हाथियों को अनंत अंबानी के गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा से चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय लाया गया है।
रविवार को चक्रधरपुर के मिनी ग्रिड के पास दोनों हाथियों भीषण गर्मी के बीच रेलवे की खूब मदद की और ईआईडीएस के परीक्षण में सहयोग किया है। रविवार की सुबह 11 बजे से शाम 06 बजे तक ईआईडीएस का परीक्षण किया गया।
परीक्षण के पहले दिन चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम तरुण हुरिया खुद परीक्षण स्थल पहुंचे चंपाकली और अनारकली के कार्य को देखा। उन्होंने इस परीक्षण में शामिल सभी रेल अधिकारी, रेलकर्मी, वन विभाग के अधिकारी कर्मी, चंपाकली और अनारकली के साथ आई टीम सभी का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा की हाथी हमारी धरोहर है और हमें उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस दौरान मौके पर दक्षिण पूर्व रेल मुख्यालय के सीएसटीई प्राजेक्ट विकाश कुमार पटेल, डिप्टी सीएसटीई हैडक्वाटर पीके शर्मा, सीनियर डीएसटीई नील मधुर दास, एएसटीई बीपिन बिहारी सिंह, एसके सिंह, एसएससी डी नायक सहित सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग रेलकर्मी, आरपीएफ के जवान सहित अन्य मौजूद थे।
ईआईडीएस का परीक्षण करने के लिए दोनों हाथियों को चक्रधरपुर के रेलवे मिनी ग्रिड के पास दांतीबेगुना गांव की और जाने वाली उस सड़क के किनारे ले जाया गया था। जिसके ठीक बगल से हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग के की तीन रेलवे लाइन गुजरती है।
यहां सुबह 11 बजे के बाद यंत्र के परीक्षण का शुरू किया गया। जहां पहले से रेल मंडल के सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग के द्वारा एआई बेस्ड एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम के तीन डिवाइस को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक में स्थित इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल रूम में लगाया था।
इन डिवाइस को आॅप्टिकल-फाइबर केबल के साथ जोड़ कर रेल लाइन के किनारे गड्ढे खोद कर आॅप्टिकल-फाइबर केबल को रेल लाइन के 40 मीटर दूर बिछा कर रखा गया था। इसके बाद आॅप्टिकल-फाइबर केबल के आसपास से हाथियों को पार कराया गया।
हाथी के पार होते ही एआई सिस्टम प्रेशर-वेव्स को महसूस करके हाथियों के पैरों के कंपन और तरंग से उसकी पहचान की।
इसके बाद एल्गोरिदम से हाथी की पहचान करते हुए इलाके में हाथी के विचरण की जानकारी आॅप्टिकल फाइबर केबल्स की मदद से इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल रूम में लगाया गया एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम के तीन डिवाइस को मिला।
जानकारी मिलते ही डिवाइस में ग्राफ डेटा तैयार होता रहा। इस दौरान दोनों हाथियों ने खूब मेहनत की। पहले दिन का यह परीक्षण सफल रहा। दूसरे दिन भी यंत्र के परीक्षण हाथियों के जरिए की जाएगी।
बड़े उद्योगपति में शुमार मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के गुजरात जामनगर स्थित वनतारा से चंपाकली और अनारकली नामक दो हाथियों को एनिमल एम्बुलेंस से चक्रधरपुर मंगवाया गया था। दो हाथियों की देखभाल के लिए दर्जन स्टाफ भी पहुंचे है।
जिनमें इनके डॉक्टर, महावत, फोटोग्राफर, चालक, मजदूर आदि शामिल हैं। 6 दिनों की लंबी यात्रा के बाद दोनों हाथी चक्रधरपुर पहुंच पाए और रेलवे को अपनी सेवा दे रहे है। दोनों को चक्रधरपुर में पीने के लिए मिनरल वाटर और खाने के लिए केला, तरबूज और केले के पत्ते के साथ साथ पुआल आदि दिया जा रहा है। एआई बेस्ड एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम के तीन डिवाइस का परीक्षण रेलवे दो हाथियों के सहयोग से कर रही है। जिस डिवाइस का रिजल्ट सर्वश्रेष्ठ होगा। रेल प्रशासन उस डिवाइस को अप्रूव्ड कर उसे चक्रधरपुर रेल मंडल के मानीकुई-चांडिल रेल खंड में, धुतरा- बागडीह रेल खंड में, कुनकी-चांडिल रेल खंड में और जराईकेला-महादेव शाल रेल खंड में स्थापित करेगी।