केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
फर्जी आधार कार्ड पर देश में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक अवैध रूप से प्रवेश कर गए हैं। यही नहीं, फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने का बड़ा रैकेट काम कर रहा है। इस रैकेट के सीमा पार आपराधिक तत्वों से साठगांठ के बाद स्थिति गंभीर हो गई है।
इस संबंध में केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। इसके बाद बिहार के सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को आधार कार्ड के आफलाइन सत्यापन का राज्य के गृह विभाग ने निर्देश दिया है। आधार के सत्यापन को लेकर एसओपी भी जारी किया गया है।
गृह एवं विदेश मंत्रालय के अलर्ट में कहा गया है कि फर्जी आधार बनाने का नेटवर्क आपराधिक तत्वों के साथ मिलकर काम कर रहा है। बड़ी संख्या में फर्जी आधार पर विदेशी सीमा से भारत में प्रवेश भी कर चुके हैं। वे अवैध तरीके से योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र और आसपास के जिलों में कई बदमाशों के आपराधिक तत्वों से मिलकर खुद को सरगना के रूप में संगठित कर रहे हैं। इसे देखते हुए इन बिचौलियों और सरगनाओं की पहचान कराने को भी कहा गया है।
एसडीपीओ, एसपी, एसएसपी और डीआइजी स्तर से डाटा और विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर रणनीति तैयार कराने को कहा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार अवैध विदेशी नागरिक फर्जी आधार के सहारे देश में प्रवेश कर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा आधार के सहारे अन्य भारतीय पहचान पत्र प्राप्त कर रहे हैं। यह काफी गंभीर मामला है। फर्जी पहचान पत्र के आधार पर देश में देश विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा सकता है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने फर्जी आधार की जांच के लिए एमआधार ऐप विकसित किया है। गृह मंत्रालय के उप सचिव के पत्र के अनुसार इस ऐप से आफलाइन मोड में आधार पर प्रिंट क्यूआर कोड की स्कैनिंग की जाएगी।
इससे आधार कार्डधारी का डेमोग्राफी डेटा सामने आ जाएगा।
इसमें नाम, पता के साथ तस्वीर भी सामने आ जाएगा। अधिकारी चेहरे से भी मिलान कर फर्जी की पहचान कर सकेंगे।
मंत्रालय ने इस ऐप को सभी पुलिसकर्मियों के लिए अनिवार्य करने को कहा है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्र में। पदाधिकारियों के स्तर से भी इस ऐप को मोबाइल में डाउनलोड करने को कहा गया है।