सौहार्द बिगाड़ने की साजिश का आरोप
प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप की मांग
ग्रामीण दे रहे अभिलेखों का साक्ष्य
बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अरियांव गांव में इन दिनों गांव के नाम को लेकर गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को एक हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपते हुए आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्व एक सुनियोजित साजिश के तहत गांव के ऐतिहासिक नाम अरियांव को बदलकर अरियांव शरीफ करने का प्रयास कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है, कि यह प्रयास न केवल उनके इतिहास और पहचान के साथ खिलवाड़ है, बल्कि इससे गांव में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका भी है। ग्रामीणों के द्वारा दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है, कि गांव में सभी जाति और धर्म के लोग वर्षों से आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ रह रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह नाम परिवर्तन एक पक्ष विशेष की ओर से मस्जिद कमेटी के माध्यम से किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य गांव में द्वेष और मतभेद पैदा करना है। उन्होंने कहा कि ह्लअरियांवह्व एक प्राचीन गांव है, जिसकी स्थापना 1320 से पहले हुई थी और यह डुमरांव राज का जमींदारी गांव रहा है।
ग्रामीण विपिन बिहारी सिंह ने बताया कि गांव का नाम ‘अरियांव’ सभी राजस्व अभिलेखों, जैसे खाता-खतियान, लगान रसीद, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य सरकारी कागजों में दर्ज है। इस नाम को बदलने की किसी भी प्रकार की कोशिश से न केवल प्रशासनिक समस्याएं बढ़ेंगी, बल्कि ग्रामीणों की भावनाएं भी आहत होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्थान का नाम उसकी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक होता है, जिसे जबरन बदलने की कोशिश सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकती है।
ग्रामीण अजय सिंह, रमेश कुमार, मनोज सिंह, संजय सिंह, परमानंद सिंह, रघुवर दयाल उपाध्याय, रोहित गोड़, रितेश उपाध्याय, मोनू सिंह और पप्पू कमकर सहित अन्य सैकड़ों ग्रामीणों ने आवेदन देकर डीएम से आग्रह किया है, कि नाम परिवर्तन की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जहां कहीं भी अरियांव शरीफ लिखा गया है, उसे तत्काल हटाया जाए।
गांव के लोगों ने प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप करने की अपील की है, ताकि अरियांव गांव में वर्षों से चली आ रही भाईचारा और शांति बनी रहे।
मामले की जांच के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित किया जा रहा है। बक्सर जिले के लोग सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश करते रहे हैं।