
उदाकिशुनगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में आने वाले समय में अंधेरा छा सकता है खासकर उन वार्डों में लाइटों की स्थिति बहुत खराब है जिस वार्ड में बड़े पैमाने पर ऐसे वार्डों में इक्के दुक्के बल्ब ही जल रहे हैं. शहर के विभिन्न वार्डों में लाइट की वर्तमान स्थिति पर नगर परिषद की पिछले बैठक में पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा भी हुआ था। नगर परिषद में अब नए कार्यपालक पदाधिकारी के पदभार ग्रहण करने के बाद लोगों के मन में लाइट को लेकर नई उम्मीद जगी है. नए बोर्ड के गठन के बाद से ही नगर परिषद के पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच रस्साकसी के कारण विकास कार्य प्रभावित रहा है। जहां तक नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में लाइट की स्थिति का सवाल है तो वह बदतर स्थिति में है ऐसा इसलिए क्योंकि वार्डों में नई लाइट लगाना तो दूर मरम्मत का काम भी ठीक से नहीं चल रहा है जिसके कारण अधिकांश वार्डों में लगाये गये बड़ी संख्या में एलईडी बल्ब या गायब हैं या खराब हो चुके हैं जबकि पिछले पांच वर्षों में मुखिया द्वारा हर वार्ड में एलईडी लाइट लगाने का जो टारगेट रखा गया था, उसमें से आधी लाइटें ही लगाई गईं. यानी नगर परिषद क्षेत्र की 26 वार्ड में जितनी लाइट लगायी जानी थी, उनमें से आधी लाइट ही लगायी गयी और जो आधी लाइटें लगीं उनमें से भी बड़ी संख्या में लाइट खराब हो चुकी है. हाल यह है कि कुछ वार्डों में मरम्मत हुई तो कुछ वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके वार्डों में जान बूझ कर लाइटों की मरम्मत नहीं करायी गयी जिसके कारण ऐसे वार्डों में जहां-तहां इक्के-दुक्के एलईडी बल्ब ही जलते नजर आते हैं. नगर परिषद द्वारा अगर पिछले सालों में लगाया गयी लाइटों का सर्वे कराया जाये तो बड़ी संख्या में वार्डों से लाइट गायब मिलेंगे। पिछले साल में नगर परिषद क्षेत्र में कितनी लाइट लगायी गयी और कितनी बिजली के पोलों पर मौजूद है, इसका कोई सर्वे नहीं हुआ है और न ही वार्डों से गायब लाइटों का कोई लेखा-जोखा है। लगायी गयी लाइट कहां गयी, यह बताने वाला कोई नहीं है. पिछली बोर्ड की बैठक में भी नगर परिषद के वार्डों में खराब लाइट को लेकर जोरदार चर्चा हुई है।