आईबी अफसर का पार्थिव शरीर पहुंंचा रांची

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में बिहार के लाल आईबी अफसर मनीष रंजन ने अपने परिवार को बचाने के लिए खुद के जान की कुर्बानी दे दी। नापाक आतंकवादियों ने बेहरमी से मनीष रंजन की हत्या कर दी। आज उनका पार्थिव शरीर झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया। यहां पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पहलगांव में आतंकी हमले में मारे गए पर्यटक आईबी अफसर स्व. मनीष रंजन का पार्थिव शरीर गुरुवार को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया। मनीष रंजन मूल रूप से बिहार के सासाराम के रहने वाले थे। उनके पिता मंगलेश मिश्रा पश्चिम बंगाल के झालदा हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक थे। वह कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं, जिसके बाद से परिवार झालदा में ही रहता है। एयरपोर्ट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मनीष रंजन के पार्थिव शरीर पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों का हमला एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया। आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। वैसे आतंकवादियों को संरक्षण कथाकथित सेकुलर लोग देते हुए बार-बार सेक्युलरिज्म के बहाने उनका बचाव करते हैं, जो देश के लिए दुर्भाग्य की बात है। इस दौरान रांची एयरपोर्ट पर मनीष के पार्थिव देह को ले जाने लिए पहुंचे उनके मित्र संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि मनीष के पिता हाल ही में झालदा में हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। रंजन ने इस छुट्टी के बाद अपने माता-पिता को वैष्णो देवी ले जाने की योजना बनाई थी।
मनीष रंजन पांच साल रांची के आईबी यूनिट में भी कार्यरत रहे थे। रांची में साल 2017 से 22 तक वो बतौर सेक्शन अफसर तैनात थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग हैदराबाद आईबी में हुई थी। मनीष के पिता पश्चिम बंगाल में शिक्षक रहे हैं, इसलिए पूरा परिवार झालदा में रहता है।

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