जय श्रीराम, जय हनुमान के नारों से भक्तिमय हुआ माहौल
बिहार समेत पूरे देश के हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। पटना के महावीर मंदिर में भगवान हनुमान की जयंती को लेकर खास तैयारी की गई है। एक दिन पहले ही पूरे मंदिर परिसर को सजा दिया गया था। शनिवार को अहले सुबह महावीर मंदिर के गर्भ गृह का पट खुलते ही ‘जय सियाराम’, ‘रामलला की जय’ और ‘जय हनुमान’ की जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा। अवसर पर जिले के सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर भगवान हनुमान के दर्शन किए। दोपहर में पुरूषों की भीड़ कम हुई पर महिलाओं की कतार लगी रही है।
शाम चार बजे के बाद फिर भक्तों की काफी भीड़ बढ़ गई। पर मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए व्यवस्था दुरूस्त रखी थी।
न्यास समिति के सदस्य और आचार्य कुणाल किशोर के पुत्र सायण कुणाल का कहना है कि भीड़ के बावजूद मंदिर में भक्तों को पूजा अर्चना करने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा गया था। भक्तों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। भक्तों के लिए हर जरूरी सुविधा की व्यवस्था रखी गई थी। हनुमान जयंती के मौके पर रात तक करीब 70 से 75 हजार भक्तों ने पूजा की और रात तक करीब नौ हजार किलो नवैद्यम की बिक्री हुई।
वहीं धर्मायण के संपादक पं. भवनाथ झा ने बताया कि जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने ‘वैष्णव मताब्ज भास्कर’ में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जी के जन्म का स्पष्ट उल्लेख किया है। कपियों में श्रेष्ठ हनुमानजी का जन्म अंजना के गर्भ से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14 वें दिन हुआ था।
उनके जन्म दिन के अवसर पर व्रत, उत्सव आदि करना चाहिए। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य के द्वारा समर्थित होने के कारण उत्तर भारत के अधिकांश मन्दिरों में प्राचीन काल से कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जयंती मनाने की परम्परा रही है। अत: धार्मिक एवं वार्षिक कर्मकांड की दृष्टि से महावीर मंदिर में कार्तिक वाली हनुमान जयंती मनाई जाती है।
पटना में रेलवे स्टेशन के पास स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर के अंदर भीड़ न हो, इसलिए मंदिर के बाहर नैवेद्यम लड्डू के काउंटरों संख्या बढ़ा दी गई।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर और आस-पास के इलाके में 200 से अधिक स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। पूरे इलाके में सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो।
धार्मिक कथा के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार हैं। जब भगवान श्रीराम के रूप में विष्णु ने अवतार लिया, तो शिव जी ने उनकी मदद के लिए हनुमान जी का जन्म लिया। माता अंजना और राजा केसरी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें एक ऐसा पुत्र मांगा, जो बल में रुद्र, गति में वायु और बुद्धि में गणपति जैसा हो। शिव जी ने अपनी रौद्र शक्ति पवन देव के रूप में अर्पित की, जो बाद में अंजना के गर्भ में प्रविष्ट हुई, और हनुमान जी का जन्म हुआ।