प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 24 फरवरी 2025 को भागलपुर में सभा होने वाली है। इस सभा के पहले ही हवाई अड्डा से गिरफ्तार कश्मीरी युवक अब्दुल मीर रफीक और स्थानीय मुहम्मद राजा को पुलिस ने जेल भेजा है। अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने रफीक का अतीत खंगालना शुरू कर दिया है।
इस सिलसिले में सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर पुलिस से संपर्क साधा है। वहां की बारामूला पुलिस के साथ-साथ, वहां सक्रिय स्थानीय पुलिस की इंटेलीजेंस यूनिट से भी सहयोग लिया जा रहा है। यहां की शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारा के आगंतुक बंदी वार्ड से रफीक और राजा को बंदी वार्ड में गुरुवार को शिफ्ट करा दिया गया।
दरअसल, 19 फरवरी की रात साढ़े दस बजे उसे जेल भेजा गया था। तब रात अधिक होने के कारण आगंतुक वार्ड में सुरक्षा तलाशी के बाद जेल प्रशासन ने दोनों को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए रखा था। सुरक्षा एजेंसियों को प्रारंभिक पड़ताल में रफीक के संबंध में चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। रफीक पूर्व में कश्मीर से चंडीगढ़ में एमबीए की पढ़ाई करने गया था। वहां भागलपुर के कहलगांव स्थित शिवनारायणपुर का एक युवक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। उससे संपर्क साध रफीक ने भागलपुर में आवाजाही शुरू कर दी।उक्त इंजीनियरिंग के छात्र से जुड़े तातारपुर थाना क्षेत्र के उर्दूबाजार में स्पोकेन इंग्लिश की कोचिंग से वह जुड़ गया। फिर उक्त इंजीनियरिंग के छात्र से नाता रखने के बजाय, यहां स्पोकेन इंग्लिश कोचिंग सेंटर में आने वाले लड़कों से वह जुड़ता जा रहा था। हबीबपुर थाना क्षेत्र के शाहजंगी निवासी मुहम्मद राजा से उसकी करीबी बढ़ी। राजा को विश्वास में लेकर स्थानीय स्तर की गतिविधियों में शामिल होकर वह अपना स्थानीय संपर्क बढ़ाने लगा था। अब रफीक की इसके पीछे क्या मंशा रही होगी, यह तो वही जाने।
कश्मीर से चंडीगढ़ जाकर एमबीए की पढ़ाई करने वाले रफीक ने अचानक पिछले छह माह से भागलपुर आकर स्पोकेन इंग्लिश का कोचिंग सेंटर चलाना शुरू कर दिया। यह बात सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को असामान्य लगी है।स्थानीय प्रशासन ने भी चार दिनों की हिरासत में रखे जाने के बाद रफीक और उसके स्थानीय सहयोगी राजा को जेल भेज दिया है। दोनों पर किसी गंभीर अपराध को अंजाम देने के उद्देश्य से अपनी पहचान और उपस्थिति छिपाने के आरोप हैं।पुलिस ने चार दिन पहले रविवार को दोनों को भागलपुर के हवाई अड्डा मैदान से हिरासत में लिया था। यहां 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा होनी है। तब रफीक ने बताया था कि वह यहां बाइक सीखने आया है।षड्यंत्र की आशंका को देखते हुए एटीएस ने भी दोनों से पूछताछ की थी। जांच में पता चला कि रफीक कश्मीर से यहां आकर अंग्रेजी की कोचिंग चलाता है। उसने तातारपुर के उर्दूबाजार में एक कमरा भी ले रखा था।