मानकों की अनदेखी कर सुखी सम्पन्न लोगों का भी बनाया गया राशन कार्ड

राशन कार्ड बन जाने के कारण सुखी संपन्न लोग भी ले सकते हैं आवास, गरीब रह सकते हैं वंचित

उदाकिशुनगंज नगर परिषद क्षेत्र में पूर्व में बनाए गए राशन कार्ड को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। ये मामला तब सामने आया जब नगर परिषद क्षेत्र में आवास योजना को लेकर जारी सूची के अनुसार लोग आवास को लेकर ऑन लाइन अपलाई करना शुरू किया और जो इस सूची से वंचित रह गए वो लोग निराश हो गए। नाम ना छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि राशन कार्ड बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों ने पात्रों को छोड़कर पहुंच वाले लोगों का राशन कार्ड बना दिया। राशन कार्ड होने के कारण वैसे लोग का नाम आवास योजना की सूची में शामिल कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि बिना किसी सत्यापन व परीक्षण के हीं कुछ लोग का राशनकार्ड जारी कर दिया गया है। जबकि राशन कार्ड के लिए किए गए अपलाई को लेकर संबंधित कर्मी को स्थल पर जाकर सत्यापन करना चाहिए लेकिन कर्मी द्वारा शायद कार्यालय में बैठे बैठे हीं सत्यापन कर दिया गया। या पहुंच वाले आदमी होने के कारण अपना दबदबा दिखाते हुए ऑफिस में बैठे कर्मी से सत्यापन करवा लिया हो। जो भी हो ये तो उचित जांच होने के बाद हीं सही मामला सामने आ सकता है। राशन कार्ड को लेकर बताया जाता है कि भौतिक निरीक्षण किए बिना हीं ऑफिस में बैठ कर हीं राशन कार्ड सत्यापन करने वाले कर्मी ने ऐसे लोगों का नाम शामिल कर वरीय अधिकारी के पास भेज दिया। जहां अधिकारी के द्वारा पुष्टि करते हुए राशन कार्ड निर्गत कर दिया गया। जो कि गरीबी रेखा के नीचे नहीं आते है। बताया जाता है कि जिनके पास पूर्व से हीं कीमती जमीन, बड़ी बड़ी गाड़ी मौजूद है ऐसे लोगों का भी राशन कार्ड निर्गत कर दिया गया जिसके कारण आवास योजना की सूची में वैसे लोग का भी नाम शामिल किया गया है जो इस बार आवास योजनाओं का लाभ भी ले सकता है। ऐसे में जिन्हें सही मायने में आवास की आवश्यकता है वो लोग फिलहाल आवास योजना से वंचित रह सकते हैं। जो सिस्टम की खामी को दर्शाता है। सही मायने में अगर नगर परिषद क्षेत्र का ये हाल है तो और पंचायत का क्या हाल होगा सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। और राशन कार्ड बनाने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार द्वारा तय मानकों की अनदेखी कर ऐसे लोगों का भी राशन कार्ड बनाया गया है, जो सुखी सम्पन्न हैं। बताया जाता है कि इनमें बड़े बड़े वाहन रखने वाले लोग के परिवार के नाम से राशन कार्ड आवंटित किया गया है। जिसके कारण आवास योजना का उन अमीरों को तो मिल सकता है लेकिन वैसे लोग जिनको सही मायने में आवास की जरूरत है वो लोग फिलहाल आवास योजना से वंचित रह सकते हैं। इस तरह का राशन कार्ड नए बने नगर परिषद क्षेत्र में हुए चुनाव के पहले बना है या नगर परिषद चुनाव के उपरांत बना है इस बात का खुलासा भी जांच के उपरांत ही हो सकता है। जबकि प्राप्त जानकारी अनुसार विभाग द्वारा कई बार सुखी संपन्न लोग जो राशन कार्ड के पात्र नहीं हैं वैसे राशन कार्ड धारी को सूचित किया जा चुका है कि वो अपना राशन कार्ड सलेंडर कर दें। जानकारी अनुसार विभाग द्वारा यह भी निर्देश जारी किया गया था कि सलेंडर नहीं करने के उपरांत वैसे लोगों का सूची बनाकर भेजने का निर्देश दिया गया था। फिर अगर ऐसे लोगों के पास राशन कार्ड मौजूद है और ओ लाभ ले रहे हैं तो कहीं ना कहीं सिस्टम का दोष है जो जांच का विषय है। फिलहाल लोगों की नजर इस बात पर टिकी हुई है कि क्या ऐसे लोगों की खोज कर उन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी? क्या शंकरपुर प्रखंड में किसान सम्मान निधि योजना का गलत तरीके से लाभ लिए जाने वाले लोगों से राशि वसूली को लेकर की गई कार्रवाई की जाएगी? या इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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