
🆕इन तीन चेहरों पर ही मीडिया ने सारा महाकुंभ खत्म कर दिया ! क्या तन की खूबसूरती, आंखों की खूबसूरती एक उच्च शिक्षित व्यक्ति का बाबा बनना..क्या केवल यही महाकुंभ की महत्ता है..!?✅
👉देश का अधिकतर मैन स्ट्रीम मिडिया हर हिंदू उत्सवों पर हिंदुत्व की, सनातन धर्म की, दान की, ध्यान की, स्नान की महता बताने की जगह इन उटपटांग विषयों की रिपोर्टिंग करते हुए नजर आते हैं! इन सनातन धर्म विरोधी चालबाजों से बचने की जरूरत है!
✴️यदि महाकुंभ में आप यही खोज पाए हैं, तो फिर निस्संदेह आपको अपने सनातनी 🕉️ होने पर दोबारा विचार करना चाहिए !
➡️क्या 144 वर्ष पश्चात आने वाले महाकुंभ की केवल यही महत्ता है…!?
👉एक अध्यात्म के इतने बड़े समंदर से हमने चुना भी तो क्या..!? जो चीज हम हर चौराहे पर खोज सकते थे, उसको खोजने के लिए हमने महाकुंभ को चुना !
✴️12 साल के इस अवसर को हम यूं ही व्यर्थ गंवा रहे, मीडिया का दोष है लेकिन हम सबका भी उतना ही दोष क्योंकि हम इस अवसर को इतने तुच्छ चर्चा में गंवा दिया, जहां अध्यात्म की चर्चा हो सकती थी, जहां धर्म की चर्चा हो सकती थी, जहां सनातन 🕉️ धर्म की चर्चा हो सकती थी !!