छह पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

अरवल के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडे की अदालत ने पुलिस बर्बरता के मामले में एसडीपीओ समेत छह पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। एसडीपीओ कृति कमल, तत्कालीन करपी थानाध्यक्ष उमेश राम, दरोगा राघव कुमार झा, सब इंस्पेक्टर प्रीति कुमारी, सब इंस्पेक्टर हरिवंश महतो, सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।
मामला करपी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। परिवादी करपी थाना क्षेत्र की तनीषा सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद पत्र 336/2024 दायर किया गया था, जिसमें 12 पुलिस पदाधिकारियों पर घर में घुसकर महिला व पुरुष के साथ मारपीट करने, महिला की लज्जा भंग करने व लूटपाट के गंभीर आरोप लगाए थे।
मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने एसडीपीओ समेत छह पुलिस पदाधिकारियों को दोषी माना, जिन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कई बार कोर्ट बुलाया गया, लेकिन अधिकांश तारीखों पर पुलिसकर्मी अनुपस्थित रहे। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पूर्व में गैर-जमानती वारंट जारी किया था, फिर भी हाजिर नहीं होने पर 25 नवंबर 2025 को गैर अजमानतीय वारंट निर्गत कर दिया।
वर्ष 2024 में करपी प्रखंड की खजूरी पंचायत में गत पैक्स चुनाव में तनीषा सिंह के पति प्रिंस कुमार चुनाव मैदान में उतरे थे। वोटिंग के दौरान बूथ पर पुलिस व तनीषा सिंह के परिवार के बीच झड़प हुई थी। मामले में पुलिस ने केस दर्ज करते हुए उसी रात एसडीपीओ कृति कमल के नेतृत्व में गिरफ्तारी के लिए तनीषा सिंह के घर पर छापेमारी की, आरोप था कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस बर्बरता से पेश आई।
घर की सभी महिला व पुरुष सदस्यों के साथ बेरहमी से मारपीट की। 80 वर्षीय दादी लखमानो देवी व सास ललिता देवी को भी मारा-पीटा गया। घर में लूटपाट करने का भी आरोप है।
इसके बाद कुल सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस की सारी कार्रवाई सीसी कैमरे में कैद हो गई, जिसको आधार बनाते हुए तनीषा सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडे की अदालत में परिवाद दायर किया था, जिसमें आरोपितों पर कोर्ट के आदेश पर पूर्व में निलंबन की कार्रवाई भी हुई थी।

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