अब होगा बिहार में खेला ?

एनडीए के घटक दलों की ओर से उम्मीदवारों की साझा सूची मंगलवार को भी जारी नहीं हो सकी। इस बीच, भाजपा ने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। जदयू के उम्मीदवार भी पार्टी सिंबल पर नामांकन कर रहे हैं। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी शामिल हैं। हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा ने सभी छह उम्मीदवारों के सिंबल जारी कर दिए। इस बीच दिन भर यह खबर तैरती रही कि मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार सीटों की संख्या में कमी और जदयू के हिस्से की सीटें लोजपा (रा) को देने से नाराज हैं, लेकिन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रसन्न हैं।
सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन की पूरी प्रक्रिया पर उनकी नजर है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से भी उनकी बातचीत हो रही है। सबकुछ मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद ही तय हो रहा है।
संजय झा के बाद लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बारी-बारी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि एनडीए में सब ठीक है। घटक दलों में सीट संख्या का विषय सौहार्दपूर्ण बातचीत में पूरा हो चुका है।
कौन दल किस सीट पर लड़ेगा यह चर्चा भी सकारात्मक बातचीत के साथ अंतिम दौर में है, लेकिन शाम तक यह तय नहीं हो पाया कि कौन दल किस सीट पर लड़ेगा। भाजपा की 71 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की गई है, उसमें तारापुर और तेघड़ा ऐसी सीटें हैं, जिनमें पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार लड़े थे।
तारापुर पर तो जदयू लगातार चार जीत दर्ज कर चुका है, जिसमें एक उपचुनाव भी शामिल है। भाजपा और हम को छोड़ कर एनडीए के किसी घटक दल की आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई है, लेकिन बातचीत के दौरान लोजपा (रा) ने जिन सीटों की मांग की थी, उनमें कुछ सीटें जदयू की जीती हुई भी थीं।
सहरसा जिले के सोनबरसा सुरक्षित सीट भी लोजपा (रा) की मांग में शामिल थी, जिस पर जदयू ने अपने उम्मीदवार रत्नेश सदा को सिंबल दे दिया। माना जा रहा कि अंतिम सूची में नीतीश की इच्छा के अनुरूप जदयू की परम्परागत सीटों से लोजपा (रा) का दावा अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

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