बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के दृष्टिगत मीडिया प्रतिनिधिगण को दिया गया प्रशिक्षण

अंशुल कुमार (भा०प्र०से०) जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह- जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में वरीय पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता सिलिंग एवं नोडल पदाधिकारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एमसीएमसी एवं मीडिया कोषांग द्वारा संयुक्त रूप से मीडिया प्रतिनिधिगण को महानंदा सभागार पूर्णिया में शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला स्तर पर गठित मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुएं विस्तृत जानकारी दी गई कि यह समिति भ्रामक, आचार संहिता उल्लंघन करने वाले या बिना अनुमोदन के प्रसारित किए जा रहे राजनीतिक विज्ञापनों की निगरानी के लिए गठित की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मीडिया में सभी राजनीतिक विज्ञापन निष्पक्ष, सत्य और आचार संहिता के अनुरूप हों। किसी भी राजनीतिक दल एवं उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि द्वारा टीवी, रेडियो, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या सिनेमा हॉल पर कोई भी विज्ञापन प्रसारित करने से पहले एम सी एम सी से पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य है

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन:-
फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर (एक्स), व्हाट्सएप आदि पर भी अगर पेड या स्पॉन्सर्ड कंटेंट डाला जाता है, तो उसका भी पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। व्यक्तिगत अकाउंट से स्वतंत्र रूप से की गई सामान्य राजनीतिक अभिव्यक्ति को प्रमाणन की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यदि वह प्रचार स्वरूप या भुगतान आधारित है, तो प्रमाणन जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी गई की समिति का एक प्रमुख कार्य पेड न्यूज की पहचान और रिपोर्टिंग भी है। किसी समाचार पत्र, चैनल या पोर्टल पर यदि किसी उम्मीदवार/दल के पक्ष में विज्ञापन जैसा समाचार प्रकाशित होता है, तो एम सी एम सी इसे रिपोर्ट कर सकती है। ऐसे मामलों में संबंधित उम्मीदवार के चुनाव व्यय खाते में राशि जोड़ी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि किसी भी विज्ञापन में किसी जाति, धर्म, समुदाय, भाषा या क्षेत्र के खिलाफ भेदभाव या नफरत फैलाने वाली सामग्री नहीं होनी चाहिए। झूठे या भ्रामक दावे नहीं किए जाने चाहिए।राष्ट्रीय प्रतीक, तिरंगा, सेना या संविधान का अनुचित उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। चुनाव अवधि में समिति द्वारा मीडिया मॉनिटरिंग रूम से सभी चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखेगी।किसी भी संदिग्ध सामग्री की क्लिपिंग/स्क्रीनशॉट रखकर जांच की जाएगी। समिति यदि किसी समाचार को पेड न्यूज मानती है तो उम्मीदवार को नोटिस जारी करेगी। उम्मीदवार को स्पष्टीकरण देने का अवसर मिलेगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार को ससमय भेजी जाएगी।
प्रशिक्षण के दौरान मीडिया प्रतिनिधिगण को इसकी भी जानकारी दी गई की संबंधित राजनीतिक दलों को अपने मीडिया प्रभारी को प्रमाणन प्रक्रिया की पूरी जानकारी दें।
प्रचार सामग्री समय से जमा करें ताकि अंतिम क्षणों में देरी न हो। समिति से प्रमाणित सामग्री को ही मीडिया में प्रसारित करें।

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