भारतीय अस्पताल संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने डाo गोपाल खेमका की हत्या कि कड़ी निंदा की

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बिहार के नामी बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार गोपाल खेमका की देर रात सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना को राजधानी पटना के रामगुलाम चौक स्थित अपार्टमेंट के पास अंजाम दिया गया. यहां गोपाल खेमका के गाड़ी से उतरते ही पहले से घात लगाए अपराधियों ने गोली मार दी. जिसके बाद उनकी मौत हो गई. यह खेमका फैमिली में दूसरा मर्डर है. दरअसल, साल 2018 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की हत्या कर दी गई थी. खबर की माने तो, चर्चा यह भी है कि, गोपाल खेमका के छोटे बेटे पर भी गोली चलाई गई थी लेकिन, वे बाल-बाल बच गए थे. ऐसे में हर कोई यह जानना चाह रहा है कि, गोपाल खेमका आखिर थे कौन?बताया जाता है कि, गोपाल खेमका एक डॉक्टर थे.

उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की, जिसके बाद गोपाल खेमका ने हेल्थकेयर के सेक्टर में अपने बिजनेस की शुरूआत की. पटना के राजेंद्र नगर में उन्होंने मगध हॉस्पिटल खोला. इसके बाद से वह रुके नहीं और धीरे-धीरे अपने करोबार को आगे बढ़ाने लगे. गोपाल खेमका ने अपने कारोबार का विस्तार करते हुए कई फैक्ट्रियां खोली. जानकारी के मुताबिक, हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी कार्टन फैक्ट्री थी. इस कार्टन फैक्ट्री की देख-रेख बड़े बेटे गुंजन खेमका करते थे.लेकिन, 2018 में गोपाल खेमका की तरह ही उनके बड़े बेटे गुंजन खेमका की हत्या कर दी गई थी. बताया जाता है कि, गोपाल खेमका का पेट्रोल पंप का भी कारोबार है. उनकी गिनती बिहार के नामचीन और बड़े उद्योगपतियों में की जाती है.

गोपाल खेमका को लेकर एक गौर करने वाली बात यह भी थी कि, वे भारतीय जनता पार्टी के नेता भी थे. लेकिन, बेटे गुंजन खेमका की हत्या के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली. इसके साथ ही कई कारोबार को बेच कर समेट भी लिया था. इसके अलावा बांकीपुर क्लब के सदस्य थे. इस क्लब के गोपाल खेमका सचिव भी रह चुके थे.इधर, इस तरह से बेहद बड़े उद्योगपति की हत्या के बाद से अन्य व्यवसाईयों के बीच खौफ पैदा हो गया है. हत्या को लेकर कहा जा रहा है कि, बेटे की हत्या के बाद भी गोपाल खेमका की सिक्योरिटी थ्रेट को पुलिस भांप नहीं पाई. इसी वजह से अपराधियों ने घर के पास ही उनकी हत्या कर दी और घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार भी हो गए.

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