व्यापारियों ने शांति मार्च निकाल और गुलाब का फूल देकर जताया विरोध

विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में मंगलवार की रात उत्पन्न हुए विवाद और अशांति की घटना ने बोधगया की अंतरराष्ट्रीय छवि को झकझोर दिया है। मंदिर परिसर में डीजे सॉन्ग और नारेबाजी के साथ जबरन प्रवेश करने की कोशिश, सुरक्षा कर्मियों से बहस और हिंसा जैसी घटनाओं के विरोध में बुधवार को बोधगया के व्यापारियों ने एकजुट होकर बाजार बंद कर दिया। व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों ने शांति मार्च निकाला और गुलाब का फूल देकर विरोध जताया। वहीं, घटना में घायल अनुज कुमार के बयान पर बोधगया थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिसपर कार्रवाई में एक भंते को गिरफ्तार किया गया है।
बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह द्वारा महाबोधि मंदिर मुक्ति आंदोलन के तहत मंगलवार की देर रात किए गए हंगामे से वातावरण तनावपूर्ण हो गया। घटना के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा मंदिर परिसर में नारेबाजी से मना करने पर स्थिति बिगड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भिक्षुओं के साथ आई महिलाओं और पुरुषों ने सुरक्षा कर्मियों से धक्का-मुक्की की और मारपीट तक की। इस दौरान माला-फोटो बेचने वाले एक दुकानदार के सिर पर गंभीर चोट भी आई। हालांकि सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से स्थिति और अधिक नहीं बिगड़ी, लेकिन यह घटना बोधगया जैसे शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थल के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मानी जा रही है।
बुधवार को स्थानीय दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखीं और प्रशासन से मांग की कि आंदोलन के नाम पर अशांति फैलाने वालों को तत्काल हटाया जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो बोधगया का बाजार अनिश्चितकालीन बंद किया जाएगा। व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि इन घटनाओं से बोधगया में आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या प्रभावित हो रही है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। बुद्ध जयंती समारोह के दौरान देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सख्त निगरानी जारी है। बताया जा रहा है कि बौद्ध भिक्षुओं का एक दल बोधगया टेम्पल मैनेजमेंट कमिटी एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से धरना दे रहा है। मंगलवार को विवाद उस समय हुआ जब भिक्षुओं का यह दल महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा के लिए गया और नारे लगाने लगा। एक महिला प्रदर्शनकारी ने पत्रकारों को बताया कि मंदिर में उन्हें बुद्ध जयकार लगाने से रोका गया और कहा गया कि जय श्री राम बोलें, जिससे विवाद बढ़ गया।
गया के डीएम ने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारियों से कई बार संवाद स्थापित किया गया है। 10 मई को हुई वार्ता में आंदोलन समाप्त करने का आश्वासन भी दिया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि आंदोलन के बहाने कुछ बाहरी लोग भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, जिनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से की जा रही है। डीएम ने कहा कि कुछ प्रमुख लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे बोधगया की गरिमा और शांति को बनाए रखें। यह स्थल न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि बिहार और भारत की पहचान भी है।
उक्त घटना में बोधगया निवासी घायल अनुज कुमार गुप्ता के बयान पर बोधगया थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने छापामारी कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर थाना क्षेत्र के रहने वाले भंते विनाचार्य के रूप में हुई है।

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