भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रूचिर कुमार तिवारी ने एमएमसीएच में नकली दवा के सप्लाई होने के दो दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पलामू के उपायुक्त को इस मामले में पत्र लिखकर कहा है कि पलामू के अस्पतालों में 20 में से 18 दावाओं का जांच में नकली होना व बावजूद इसके सिविल सर्जन का यह कहना कि जो सप्लायर खराब दवा दिया है वह बदलकर पुन: दूसरा दवा उपलब्ध कराएं। सप्लायर को क्लीन चिट दे देना यह साफ साबित होता है कि पलामू के सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षक की इसमें मिली भगत है।
उन्होंने कहा कि जब सप्लायर व दवा देने वाली गुजरात की कंपनी नकली दवा का सप्लाई कर चुका है तो प्रथम दृष्टया में इन पर प्राथमिक दर्ज होनी चाहिए। क्योंकि कंपनी ने नकली दवा बनाने का भी कार्य किया है। पलामू जिला के सरकारी अस्पतालों में हजारों लोग इलाज कराने आते हैं। लेकिन स्वास्थ्य महकमा, दवा कंपनियां, सप्लायर व पलामू के सिविल सर्जन ये सभी लोग मिलकर इन मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक-सांसद सहित पलामू के ही वित्त मंत्री इन खबरों से अनभिज्ञ हैं। इतना बड़ा दवा घोटाला होने के बावजूद अभी तक इन पर कोई कार्रवाई न करना या कुछ नहीं बोलना यह समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि अभी तक इन दवा सप्लायर सहित दोषी सभी पदाधिकारी पर अपराधिक मामला का प्राथमिक दर्ज हो जाना चाहिए।
उन्होंने पलामू के उपायुक्त अविलंब इन सभी दोषियों पर प्राथमिक की दर्ज कराएं ताकि पलामू जिला के हजारों मरीज जो पिछले कई दिनों से नकली दवाओं का सेवन करते आ रहे हैं व उनकी बीमारी नहीं ठीक हो रही है, उन्हें न्याय मिल सके।