
छत्तीसगढ़ के बाजीपुर में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले पर राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य रंधीर कुमार सिंह बोले अपराधियों को संरक्षण देना शर्मनाक
छत्तीसगढ़ के बाजीपुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला देशभर में उठ रहे हैं। मृतक पत्रकार का कसूर बस इतना था कि उन्होंने एक सड़क की खबर चलाई थी जो सड़क बनते बनते टूट रही थी। मृतक पत्रकार को उक्त सड़क की खबर प्रकाशित करना मंहगा पर गया। घटना जनवरी 2025 की है। जिसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। शहीद पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय कमिटी के सदस्य रंधीर कुमार सिंह ने भी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक सच्चे और निडर पत्रकार को न्याय दिलाने की जगह यदि अपराधियों को सहानुभूति और राहत मिलती है, तो यह देश की न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। रंधीर कुमार सिंह ने कहा मुकेश जैसे बहादुर पत्रकार ने लोगों की जान बचाई, सच दिखाया और व्यवस्था के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। ऐसे व्यक्ति की न्यायिक लड़ाई में साथ न खड़ा होना बेहद दुखद और निंदनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ़ एक पत्रकार का मामला नहीं, बल्कि सत्य, न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का प्रश्न है। रंधीर कुमार सिंह ने आगे कहा अपराधियों को राहत, और पीड़ित परिवार को उपेक्षा, यह तस्वीर बेहद खतरनाक है। सरकार और संबंधित संस्थानों को तुरंत सक्रिय होना चाहिए ताकि मुकेश चंद्राकर को न्याय मिल सके। उन्होंने यूकेश चंद्राकर की भावनाओं का समर्थन करते हुए कहा कि उनका गुस्सा जायज़ है और पत्रकार समुदाय को एकजुट होकर यह लड़ाई लड़नी चाहिए। रंधीर कुमार सिंह ने सरकार और न्याय प्रणाली से अपील की कि 26 नवंबर की सुनवाई में सख़्त रुख अपनाया जाए और किसी भी हाल में हत्यारों को राहत न दी जाए। यह लोकतंत्र और पत्रकारिता की रक्षा का समय है।
