
पटना, 21-08-2025
भारतीय अस्पताल संघ (Bhartiya Aspataal Sangh) के अध्यक्ष ने हाल ही में देश के अस्पतालों और स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतर भविष्य को लेकर गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि आज जब स्वास्थ्य सेवाएं आमजन के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं, तब इस क्षेत्र में सुधार, आधुनिकरण और पारदर्शिता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।

अध्यक्ष ने बताया कि देशभर के अस्पतालों की भूमिका केवल उपचार तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि समाज के हर वर्ग तक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी विकास, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम तैयार करना आने वाले समय की सबसे बड़ी चुनौती और आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में अस्पतालों को केवल शहरी इलाकों तक सीमित न रहकर गाँव-गाँव तक पहुँच बनानी होगी। इसके लिए सरकार और निजी अस्पतालों को मिलकर एक साझा रणनीति तैयार करनी चाहिए, ताकि हर नागरिक को समय पर बेहतर इलाज मिल सके।
भारतीय अस्पताल संघ के अध्यक्ष ने भविष्य के लिए कुछ ठोस प्रस्ताव भी रखे। इनमें—
सभी अस्पतालों में डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की व्यवस्था लागू करना।
गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए विशेष राहत पैकेज बनाना।
चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देना।
आपदा और महामारी की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को और मजबूत करना।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है तो हमें अस्पतालों को केवल व्यवसाय की दृष्टि से नहीं देखना होगा, बल्कि इसे एक सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय दायित्व मानना होगा।
अंत में अध्यक्ष ने देशभर के डॉक्टरों, अस्पताल प्रबंधकों और स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि वे मिलकर एक ऐसी मजबूत और भरोसेमंद स्वास्थ्य व्यवस्था बनाएं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने।