बस में हुई महिला की डिलीवरी

यात्रियों ने दी मानवता की मिशाल
जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित

रविवार की आधी रात, ऊपर से जोरों की वषार्पात। सन्नाटे को चीरती बस कोडरमा घाटी से गुजर रही थी। तभी बस में सवार एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। कुछ देर बाद बस में नवजात की किलकारी गूंज उठी। यात्रियों ने तालियां बजाकर नए मेहमान का स्वागत किया।
रविवार की रात कोडरमा घाटी में एक अनोखी घटना की साक्षी बस में सवार दो दर्जन यात्री बने। चलती बस में गर्भवती महिला यात्री को अचानक प्रसव पीड़ा हुई।
इस विकट परिस्थिति में कुदरत का करिश्मा रहा कि सब कुछ अनकुल होता गया और एक नई जिÞंदगी ने इस दुनिया में किलकारी भरी। बस कर्मचारी, पुलिसकर्मी, डाक्टर और यात्रियों की मानवीय संवेदनाओं ने इस कठिन क्षण को एक मधुर स्मृति में बदल दिया।
दरअसल, श्री साईं नाम की बस से बिहार के वैशाली से 22 वर्षीय राधा अपनी नानी के घर कांटाटोली, रांची जा रही थी। उसके साथ उसकी मां मीना देवी, बहन अनुराधा व एक 2.5 वर्ष की बेटी पल्लवी कुमारी भी थी। महिला राधा श्री साईं बस के स्लीपर कोच में आराम कर रही थीं। इसी दौरान कोडरमा घाटी पार करते समय रात 1:30 बजे के करीब उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी। जानकारी बस के कंडक्टर व अन्य यात्रियों को दी गई।
जब बस आधे घंटे तक चलते हुए झुमरीतिलैया बाइपास स्थित रेलवे ओवरब्रिज के समीप पहुंची तो बस कंडक्टर वहां से गुजर रहे पुलिस के पीसीआर गश्ती दल को आवाज देकर महिला को सहयोग की अपील की। पीसीआर में वैन में एएसआइ ओमप्रकाश सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों ने अपनी तत्परता दिखाते हुए गश्ती वाहन के पीछे-पीछे बस को आने को कहा। पुलिस वाहन शहर के कई क्लिनिकों तक बस को लेकर पहुंचा लेकिन अधिकतर क्लिनिकों के गेट बंद मिले।
इसी क्रम में रात 2:26 बजे पुलिस बस को लेकर झुमरीतिलैया के आर्यन अस्पताल में पहुंची और अस्पताल प्रशासन से तुरंत संपर्क किया। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रवीण कुमार ने बिना देर किए संपूर्ण जिम्मेदारी अपने हाथों में ली।
उन्होंने महिला चिकित्साकर्मियों के साथ पूरी संवेदनशीलता और दक्षता के साथ प्रसव की जिम्मेदारी संभाली। महिला बस की स्लीपर सीट पर ही लेटी थी और बच्ची का शरीर लगभग बाहर आ चुका था।
अस्पताल की नर्सों ने डाक्टर की निगरानी में महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। फिर पूरा बस बच्ची की किलकारी से गूंज उठा और यात्रियों ने ताली बजाकर इस पल की खुशियां बटोरी।
अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और उसका वजन 3 किलोग्राम था। इसके बाद अस्पताल में जच्चा बच्चा को भर्ती कराकर बस के स्टाफ और यात्री अपने गंतव्य की ओर निकल गए। बस में सवार सभी यात्रियों ने भी इस पूरे घटनाक्रम में अनुकरणीय सहयोग दिखाया। बारिश के बीच वे महिला के सुरक्षित प्रसव तक बस के बाहर खड़े रहे। जब बच्ची का जन्म हुआ तो तालियों और मुस्कानों से पूरा माहौल उमंग से भर गया।

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