समस्तीपुर जिले के रहने वाले 17 वर्षीय राम जी राज ने वह कर दिखाया जो बड़े-बड़े साइबर विशेषज्ञ भी नहीं कर पाए। राम जी ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नासा) की वेबसाइट को हैक कर एक तकनीकी खामी (साइबर वल्नरेबिलिटी) को पकड़ा और जिम्मेदारी के साथ नासा को इसकी जानकारी दी। नासा ने इस खामी को स्वीकार करते हुए उसे तत्काल ठीक किया और राम जी राज का नाम अपने हॉल आॅफ फेम में शामिल कर उन्हें सम्मानित किया।
राम जी राज एक एथिकल हैकर हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (अक) के क्षेत्र में नवाचार कर रहे युवा प्रतिभा के रूप में तेजी से उभरे हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंचों पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। राम जी का कहना है कि उनके लिए हैकिंग केवल तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है। उनका लक्ष्य है कि वो अपने ज्ञान का उपयोग कर डिजिटल दुनिया को अधिक सुरक्षित बना सके।
राम जी ने बताया कि यह घटना 14 मई की रात करीब 2 बजे की है। वे कंप्यूटर पर कुछ वेबसाइट्स का साइबर सुरक्षा विश्लेषण कर रहे थे, तभी उन्हें नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर एक खामी नजर आई। उन्होंने तुरंत साइट को सुरक्षित तरीके से एक्सेस कर तकनीकी दोष की पहचान की और इसकी सूचना नासा को दी। 19 मई की दोपहर नासा की ओर से इस खामी की पुष्टि की गई और उसी दिन उन्हें ह्यहॉल आॅफ फेमह्ण में शामिल करने की जानकारी भी दी गई।
राम जी का यह पहला कारनामा नहीं है। इससे पहले भी वे 50 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की वेबसाइटों में खामियां पकड़कर संबंधित संस्थाओं को सतर्क कर चुके हैं। इनमें भारत सरकार की कुछ वेबसाइटें भी शामिल हैं। उनका उद्देश्य हैकिंग से नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि संस्थाओं को संभावित साइबर खतरों से समय रहते अवगत कराना है, जिससे वे आर्थिक और तकनीकी नुकसान से बच सकें।
राम जी न केवल तकनीकी क्षेत्र में अपना नाम बना रहे हैं, बल्कि समाज में भी अपनी जिम्मेदार भूमिका निभा रहे हैं। वे दिल्ली में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं, और खाली समय में वंचित और गरीब बच्चों को तकनीकी शिक्षा देते हैं, ताकि वे भी डिजिटल युग के साथ कदम मिला सकें। इसके साथ ही वे पुलिस विभाग को साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण देते हैं और कई आॅनलाइन मामलों की जांच में तकनीकी सहायता भी कर चुके हैं।
राम जी राज को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा समर्थित कार्यक्रम के तहत टॉप 50 में भी स्थान मिल चुका है। राम जी राज की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि प्रतिभा बड़े शहरों की मोहताज नहीं होती। अगर जुनून और सकारात्मक सोच हो, तो समस्तीपुर जैसे छोटे शहर से भी वैश्विक मंच पर पहचान बनाई जा सकती है। उनके कार्य ने न केवल बिहार का नाम रोशन किया है, बल्कि देश की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल भी कायम की है।