रांची। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली रहेगी। इसकी वजह है कि विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने अभी तक विधायक दल का नेता घोषित नहीं किया है।
भाजपा विधायक दल के नेता को सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता मिलेगी। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सत्ता पाने में पिछड़ी भाजपा इस मोर्चे पर भी देर करती हुई नजर आ रही है।
पहले संभावना जताई जा रही थी कि बजट सत्र के पूर्व ही विधायक दल के नेता की घोषणा की जा सकती है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक पदों पर बहाली के लिए नेता प्रतिपक्ष का कोरम पूरा नहीं होने को देखते हुए इस बाबत निर्देश दिया था। उसपर भी अमल नहीं हो पाया है। इसे लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा हमलावर है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय के मुताबिक भाजपा को राज्य की जनता ने नकार दिया है।भाजपा की नजर आरंभ से झारखंड के संसाधनों की लूट पर रही है। राज्य हित से भाजपा के नेताओं को कोई लेनादेना नहीं है। उधर भाजपा ने इसे आंतरिक मामला बताते हुए समय पर निर्णय की बात की है