झारखंड के गिरिडीह में हाथियों के झुंड के आबादी इलाके में प्रवेश और फिर हमला एक बड़ी समस्या बन गई है। बिरनी के गादी गांव में सोमवार की सुबह करीब 6 बजे 42 हाथियों के झुंड ने भयावह हमला कर दिया, जिसमें एक वृद्ध महिला और एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई।
मृतकों में गादी निवासी 65 वर्षीय कांति देवी और 55 वर्षीय बोधि पंडित शामिल हैं। घटनास्थल पर घने कोहरे के कारण दोनों को झुंड दिखाई नहीं दे पाया और हाथियों ने उन्हें एक साथ कुचल डाला।
ग्रामीणों का कहना है कि कांति देवी और बोधि पंडित घर के पीछे मैदान की ओर टहलने गए थे। अचानक हाथियों का हमला हुआ और वे बुरी तरह गम्भीर हो गए। सूचना मिलते ही प्रमुख रामू बैठा व मृतक के स्वजन ने भरकट्टा थाना पुलिस और वन विभाग को सूचित किया।
दोनों के शवों को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मृतकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है और ग्रामीणों में डर का माहौल है, क्योंकि अभी भी झुंड ने जंगल में पूरी तरह छूट नहीं है-वे गादी और पेशम जंगलों के आसपास देखे गए हैं।
यह हमला झारखंड में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष की चिंताजनक तस्वीर को फिर से उजागर करता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में झारखंड में हाथियों के हमलों में करीब 474 लोगों की जान गई है।
वन विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के पारंपरिक रास्तों (एलीफेंट कॉरिडोर) पर अतिक्रमण, जंगल कटाव और खनन गतिविधियों ने उनके आवागमन को बाधित किया है, जिससे वे घरों और गांवों की ओर निकलने पर मजबूर हो रहे हैं।
वन विभाग ने आगाह किया है कि स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। ग्रामीणों ने मुआवजे और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इसी तरह की त्रासद घटनाओं को रोका जा सके
