मोतिहारी के सुगौली नगर क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय चिकपटी वार्ड-9 में शिक्षा विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई। मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को सड़ा और काला पड़ा चना परोसा गया। जैसे ही बच्चों ने यह चना खाया, कई बच्चों ने मौके पर ही उल्टी करनी शुरू कर दी। इस घटना के बाद विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई और बच्चों के अभिभावकों तथा ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया।
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों नसीम आलम और मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बताया कि चना खाने के तुरंत बाद एक बच्चे ने उलटी कर दी। इसे देख बाकी बच्चों ने भी भोजन छोड़ दिया और उसे जमीन पर फेंक दिया। बच्चों ने यह भी खुलासा किया कि विद्यालय में सप्ताह में केवल तीन दिन भोजन मिलता है, बाकी दिनों में वे भूखे रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
माता-पिता और ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंधन पर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। साथ ही, विद्यालय में साफ-सफाई की बेहद खराब स्थिति और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर भी आक्रोश व्यक्त किया।
प्रधानाध्यापक वशी आलम ने सफाई देते हुए कहा कि गैस चूल्हे की खराबी के कारण खाना नहीं बन पाया था। वहीं, सहायक शिक्षिका रोशन आरा ने बताया कि गैस लीक की समस्या के चलते खाना पकाने में बाधा आई और चना लोहे की बाल्टी में भिगोने से वह काला पड़ गया। हालांकि, सवाल यह उठता है कि अगर व्यवस्था में दिक्कत थी, तो बच्चों को सड़ा भोजन परोसने की जरूरत क्यों पड़ी?
घटना की जानकारी मिलते ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामविजय यादव ने जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में की गई शिकायतें भी कार्रवाई के अभाव में सिर्फ फाइलों में ही दबी रह गईं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर इस बार भी दोषियों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।