स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसे 16 अतिक्रमणकारियों पर अब कभी भी गाज गिर सकता है। दायर किए गए वादों की अलग-अलग तिथियों में हुई सुनवाई के बाद अब अंतिम आदेश पारित करते हुए सेक्शन 6 (2) के तहत अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नोटिस दिया जा चुका है।
मानगो के अंचल अधिकारी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने उपायुक्त व उप विकास आयुक्त को इस संबंध में अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि अब प्रशासन की ओर से जिस दिन पुलिस फोर्स के साथ मजिस्ट्रेट की नियुक्ति होती है, उस दिन अतिक्रमित भूमि से अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।
एनजीटी के आदेश के बाद जांच की गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पारित आदेश के अनुपालन में जिला प्रशासन के आदेश के बाद मानगो अंचल अंतर्गत स्वर्णरेखा नदी के किनारे सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
अतिक्रमण कर बनाए घर मकान की जांच अंचलाधिकारी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव की टीम द्वारा की गई थी। जांच में पाया गया कि 16 लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके घर बनाए हुए हैं।
सभी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ वाद दायर की गई थी। इस पर कार्रवाई के लिए फाइनल रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को भेज दी गई है।
स्वर्णरेखा नदी के किनारे अतिक्रमण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उन 16 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने सरकारी जमीन पर घर बनाया है।
चिन्हित अतिक्रमणकारियों में भालु यादव, महेंद्र यादव, रमेश प्रसाद, सुरेंद्र यादव, शंकर यादव, मनोज गौड़, राजू राय, नवीन रूहीदास, ललन यादव, अखई कैवर्त, जेएल शर्मा, साईं सूरज आश्रम, मनोहर कैवर्त, गनौरी वर्मा, हरि भुइयां और रिंकू दास का नाम शामिल है।